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अधूरी कहानी

दोस्तो "एक कहानी ऐसी भी" मे एक बार फिर आपका स्वागत है|एक कॉलेज मे एक लड़की थी,बहुत ही सुंदर जितनी सुंदर थी उतनी ही ईमानदार| ना किसी से झूठ बोलना ना फालतू की बाते करना बस अपने काम से काम| उसी कॉलेज मे एक लड़का था बह मन ही मन उससे बहुत ही प्यार करता था लड़का अक्सर उसके छोटे मोटे काम कर दिया करता था, बदले मे जब लड़की मुस्कुरा कर थैंक यू कहती,तो लड़के की खुशी की सीमा नही रहती| एक बार की बात है दोनों लोग साथ-साथ घर जा रहे थे तभी जोरदार बारिश होने लगी| दोनों एक पेड़ के नीचे बैठ गये,पेड़ बहुत छोटा था बूंद छन छन कर उससे नीचे आ रही थी| ऐसे मे बारिश से बचने के लिए दोनों एक दूसरे के बेहद क़रीब आ गए| लड़की को इतने क़रीब पा कर लड़का अपने जज्बातों पर काबु ना रख सका उसने लड़की को प्रपोज कर दिया लड़की भी मन ही मन चाहती थी, इस लिए माना नहीं कर पायी और हाँ कर दी, इस तरह दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा| एक बार की बात है लड़की उसी पेड़ के नीचे लड़के का इनतेज़ार कर रही थी लड़का बहुत देर से आता है, उसे देखकर लड़की नाराज़गी से बोली"तुम इतनी देर से क्यू आये?" मेरी तो जान ही निकल गयी यह सुनक...

बेइम्तिहा प्यार (Endless Love)

 एक कहानी ऐसी भी के पहले ब्लॉग मे आपका स्वागत है|
आज हम बात करेंगे एक कॉलेज लव स्टोरी की जिसका टाइटल है बेइम्तिहा प्यार|
दोस्तो ये कहानी है किरन और प्रेम की दोनों एक एनजीनियरिंंग कॉलेज मे बीटेक कंप्यूटर साइंस मे एडमिशन लेते है, किरन जो कि एक महीने पहले से कॉलेज आ रही थी और उसकी दोस्ती सब से हो जाती है|                                      
                                                                                                                                                           













एक दिन प्रेम की कॉलेज मे एंट्री होती है और सारे स्टूडेंट्स उसको देखते है, अचानक किरन की नज़र प्रेम पर पढ़ती है और बो उसको पहली नज़र का पहला प्यार करने लगती है|















प्रेम जो चुप चाप अपनी टेबल पर बैठ जाता है बह किरन की तरफ नही देखता,अचानक प्रेम की नज़र किरन पर पढ़ती है|
ये देख कर किरन सहम जाती है,प्रेम रोज ये नोटिस करता है कि किरन उसको देख रही है और कही ना कही बह भी उसको प्यार कर ने लगता है|
कुछ समय बाद दोनो की दोस्ती हो जाती है,और बो दोनो अच्छे दोस्त बन जाते है|














किरन के लिये यह मानो सपने के जैसा हो,किरन कई बार प्रेम को  कहने को सोचती है पर कह नही पाती धीरे धीरे पड़ाई पूरी होने को आती है और बह कह नही पाती| 
एक दिन किरन हिम्मत करके प्रेम से आपने दिल की बात  कह देती हैं|प्रेम उसको माना कर देता है और  उससे नाराज़ हो जाता है  किरन उसे सॉरी भी कहती है और बह नही मानता,प्रेम किरन से बात करना भी बंद कर देता है,किरन उदास रहने लगती है| 



















दोनों की एनजीनियरिंंग पूरी हो जाती है,और आखरी बार फिर किरन प्रेम को मानाने की कोशिश करती है,लेकिन फिर बह माना कर देता है,और बह कहता है कि उसे अपनी लाइफ मे कुछ करना है बह प्यार के चककर मे पड़ना नही चाहता उसे हाएर स्टडी के लिए अमेरिका जाना है|
किरन कहती है तुम कुछ करो मैं रोकुगी नही पर मेरा प्यार स्वीकार करलो मै तुम्हारे बिना रह नहीं सकती तुम कही भी जाओ मै तुम्हारा इनतेज़ार करूँगी ये कह कर किरन बहाँ से चली जाती है 
प्रेम हायर स्टडी के लिए  अमेरिका चला जाता है,और किरन अपने गाओ चली जाती है|

































अमेरिका मे गोरे लोगो  के बीच मे उसे किरन की याद आती है और बह  रह रह कर उसको याद करता है, बह कहता ये मुझे क्या हो गया 
आखिरकार बह स्वीकार कर लेता है कि उसे  किरन से प्यार हो गया है|
और  बह अमेरिका से चला आता है और अपने दोस्तो से सम्पर्क करके किरन का पता लगाता और उसे किरन का पता लग जाता है प्रेम उसके गाव जाता है और किरन से मिलकर अपनी गलती की माफी माँगता है और किरन उसको माफ कर देती है प्रेम किरन के माँ बाप  से उसका हाथ मांगता है और बह उसको पसंद कर लेते है, और दोनों की शादी हो जाती है|









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